उज्जैन में उमड़ा आस्था का सागर

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प्रथम शाही स्नान पर करीब 18 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान कर लिया पुण्य-लाभ
अगला शाही स्नान 9 मई को

भोपाल : मनोरम, अलौकिक, अद्वितीय। आस्था के आल्हाद का ऐसा मंजर, जिसे शब्दों में बयान करना मुश्किल है। प्रथम शाही स्नान के अवसर पर सिंहस्थ नगरी उज्जैन में आज देश-विदेश से आये करीब 18 लाख श्रद्धालुओं ने मोक्षदायिनी क्षिप्रा में स्नान कर पुण्य-लाभ लिया और इस अलौकिक सुख को अर्न्तमन में आत्मसात किया। क्या बच्चे, क्या बूढ़े, क्या जवान, क्या महिलाएँ सभी ने अटूट श्रद्धा से ओत-प्रोत होकर पुण्य-स्नान किया। सिंहस्थ-2016 का अगला शाही स्नान 9 मई को होगा।

कालभैरव झोन में आज बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं और कुछ खालसाओं ने सुबह से ही स्नान में भाग लिया। सिद्धवट एवं अन्य घाटों में श्रद्धालुओं ने बड़े इत्मीनान से पुण्य-स्नान किया। जहाँ कुछ खालसाओं ने भी स्नान कर अपनी आस्था व्यक्त की। मंगलनाथ झोन में तीन अखाड़ों ने सुबह 5 से 10 बजे तक पुण्य-स्नान किया। यहाँ 850 खालसाओं ने स्नान किया। स्नान-कर्म बड़ी शान्ति और इत्मीनान से सम्पन्न हुआ।

दत्त अखाड़ा झोन में 10 अखाड़ों ने शाही स्नान में भाग लिया। यहाँ बड़े इत्मीनान के साथ सन्तजनों, अखाड़ों एवं श्रद्धालुओं ने स्नान किया। महाकाल, चामुण्डा माता, त्रिवेणी झोन में भी सब कुछ शान्ति से सम्पन्न हुआ। जिला और मेला प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं के लिये बेहतर इंतजाम किये गये थे।

मुख्य सचिव का भ्रमण

मुख्य सचिव श्री अंटोनी डिसा ने मंगलनाथ झोन से मेला क्षेत्र का भ्रमण प्रारम्भ कर सम्पूर्ण व्यवस्थाओं का मुआयना किया। वे मेला क्षेत्र के लगभग सभी पांडालों में पहुँचे। उन्होंने निर्माण कार्यों का अवलोकन किया, केम्पों में गये और व्यवस्थाओं का मौके पर जाकर मुआयना किया। संभागायुक्त डॉ. रवीन्द्र पस्तोर ने मुख्य सचिव को सम्पूर्ण व्यवस्थाओं से अवगत करवाया।