महाराष्ट्र: कुछ मात्रा में उद्योग व्यवसाय शुरू करेंगे, लेकिन जिले की सीमाएं बंद ही रहेगी: मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे

Uddhav Thackeray
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मुंबई, दि. 19/04/2020 : राज्य में कल यानि २० अप्रैल से कोरोना का प्रकोप जहां पर नहीं है, ऐसे क्षेत्र में कुछ मात्रा में व्यवहार शुरू कर रहे है लेकिन जिलों की सीमाएं बंद ही रहेगी। नागरिकों ने बहुत ही जरूरी कारण होने पर ही घर के बाहर निकालना चाहिए, बाहर निकलते समय हमेशा मास्क का उपयोग करें और बुखार-सर्दी जैसे लक्षण दिखाई देने पर तुरंत ही फिवर क्लिनिक में या फिर डॉक्टर को दिखाए, यह आज मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा।

मुख्यमंत्री ने आज मीडिया के द्वारा राज्य की जनता से सीधे संवाद साधा, इस दौरान वे बोल रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सामाजिक दायित्व निधि की रकम देने के लिए स्वतंत्र सीएसआर खाता निकाले जाने की जानकारी भी दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार मरीज़ की अवस्था अंतिम चरण में होती है, तभी वे अस्पताल में आए है और आ रहे है। इससे उनकी परीक्षण रिपोर्ट आने के पहले ही दुर्भाग्यवश कुछ लोगों की मृत्यु हुई है। ऐसे में इच्छा होने के बाद भी हम इन मरीजों के लिए कुछ भी नहीं कर सकते, इस पर दुख व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सर्दी- बुख़ार और  खांसी जैसे लक्षण दिखाई देने पर घर में इलाज़ न कराते हुए अस्पताल में जाकर इलाज़ करने के लिए कहा। चूंकि समय पर योग्य इलाज़ करवाने से ही अधिकतर मरीज़ ठीक होकर घर जा सकते है और ठीक होकर घर भी जा रहे है।

ग्रीन और ऑरेंज झोन में कुछ उद्योगों को कुछ पैमाने पर छूट दी जाएगी

कोरोना के मरीज़ और उसका प्रकोप को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कल यानि 20 अप्रैल से कुछ शर्तों पर ऑरेंज और ग्रीन झोन के जिलों में उद्योग शुरू करने के लिए मंजूरी देने की बात मुख्यमंत्री ने कहीं है। अब तक कृषि विषयक काम, खेतमाल की वाहतूक, जीवनावश्यक वस्तूओं की वाहतूक शुरू थी। लेकिन अर्थचक्र शुरू कराते समय ऑरेंज और ग्रीन झोन के जो उद्योजक-कारखानदार उनके कामगारों का ध्यान रखेंगे, वहीं पर ही उनके रहने की व्यवस्था करेंगे, उन्हें ही कल से काम शुरू करने के लिए कुछ मात्रा में छूट दी जाएगी। इसके लिए उन्हें आवश्यक ऐसे कच्चेमाल और अन्नधान्य की उपलब्धता की जाएगी। हमें माल की वाहतूक शुरू करनी है, न की वायरस की। इसलिए किसी भी प्रकार का खतरा हम नहीं ले सकते, इस बात को भी मुख्यमंत्री ने इस दौरान स्पष्ट किया। इसाथ ही  केंद्र और राज्य सरकार ने जो आदेश निर्गमित किए है, उसका सूक्ष्मता पालन किया जाएगा। इस बात को भी उन्होंने इस दौरान स्पष्ट किया।

जिले की सीमाएं बंद ही रहेगी

जिले की सीमाएं हमने अभी तक नहीं खुली की है, इस बात को अधोरेखित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक जिले के लोगों को  दुसरे जिले में जाने के लिए अभी तक अनुमति नहीं दी है। इसलिए राज्य के नागरिकों के लिए यह लॉकडाऊन अभी तक खत्म नहीं हुआ है। 3 मई तक जो जहां है, उन्हें वैसे ही अपने घर में रहना है और सामाजिक दूरी के अनुशासन का पालन करना है। उन्होंने इस बात का जिक्र किया की, राज्य में एंटी कोरोना पुलिस उत्तम सेवा देते हुए दिखाई दे रही है।

समाचार-पत्रों को लेकर स्पष्टीकरण किया

समाचार-पत्रों के लेकर अपनी भूमिका स्पष्ट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समाचार-पत्र  स्टॉल पर उपलब्ध किए जा सकेंगे, लेकिन घर जाकर उसका वितरण करने के लिए अनुमति नहीं दी जा सकती। मुंबई, पुणे को छोड़कर राज्य में इस विषय पर अन्य क्षेत्र में क्या किया जा सकता है, इस बात को लेकर निर्णय बाद में ही लिया जाएगा।

अत्याचारग्रस्त महिलाएं 100 नंबर पर फोन करें

राज्य की जनता ने अभी तक बहुत ही संयम, जिद्द और धैर्य के साथ इस संकट का मुक़ाबला किया है। राज्य की जनता के प्रति आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिक समय तक घर में ही रहने से मानसिक स्थिति बिघड़ सकती है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं की, लॉकडाऊन है, इसलिए पुरुषों ने घर की महिलाओं को परेशान करना चाहिए। महिलाओं पर घर में अत्याचार नहीं होना चाहिए, यह कहते हुए मुख्यमंत्री ने कहा की, अगर किसी महिला पर अत्याचार हो रहा हो, तो वे महिला 100 नंबर पर फोन कर पुलिस को सूचित कर सकती है। निश्चित ही पुलिस एक भाई की तरह आपकी इसमें मदद करेंगे।

समुपदेशन के लिए दो सेवा कार्यरत

मानसिक अस्वस्थता बढ़ी है और समुपदेशन की आवश्यकता है, उनके लिए मुख्यमंत्री ने आज मुंबई महानगरपालिका और बिर्ला संस्था के तत्वावधान में शुरू किए गए हेल्पलाईन का नंबर भी बताया है- १८०० १२० ८२ ००५० जो इस प्रकार है। इसके अलावा आदिवासी विभाग ने प्रोजेक्ट मुंबई और प्रफुल्लता के  संयुक्त तत्वावधान में एक सेवा शुरू किए जाने और उसका  नंबर १८०० १०२ ४०४० इस प्रकार होने की बात भी कहीं है।

निजी डॉक्टर्स की सेवा नॉन कोविड मरीज़ों के लिए होगी

राज्य के निजी डॉक्टर्स से और टास्कफोर्स के डॉक्टर से बात हुई है और उनकी  कोरोना के खिलाफ लड़ने एवं अस्पताल खुला रखने की तैयारी होने की जानकारी भी मुख्यमंत्री ने इस दौरान दी। उन्होंने आगे कहा कि यह अस्पताल सिर्फ नॉन कोविड मरीज़ों के लिए जिन्हें हृदयरोग, किडनी की बीमारी, मधुमेह जैसी गंभीर बीमारी है, उनके इलाज़ के लिए है। सर्दी, बुख़ार और खांसी के मरीज़ों ने इन अस्पतालों में न जाते हुए सरकारी अस्पतालों में जाकर जांच करनी चाहिए।

 

महाराष्ट्र में क्या शुरू है

राज्य में तकरीबन 67 हजार परीक्षण हुए है और इसमें से 95 फीसदी परीक्षण रिपोर्ट निगेटिव आयी है। साधारणत: 3600 पोझिटिव मरीज मिले है और यह आकड़ेवारी गत शनिवार के रात की है, यह बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 300 से 350 मरीज़ इलाज के बाद ठीक होकर घर गए है। जो की  समाधानकारक है। पोझिटिव मरीज़ों के 70 से 75 फीसदी मरीजों में कोरोना के अतिसौम्य लक्षण है तथा  लक्षण दिखाई नहीं देते, ऐसी स्थिति में भी है। 52 मरीज मध्यम से अतिगंभीर है और उनपर ध्यान केन्द्रित कर उन्हें बचाने का प्रयास किया जा रहा है। छह महीने के बच्चे से लेकर 84 साल की वृदधा तक के मरीज ठीक होते हुए दिखाई दे रहे है। इसलिए लोगों ने डरने की आवशयकता नहीं है बल्कि ध्यान रखने, सावधानी बरतने की आवशयकता है। राज्य में मरीज़ों की संख्या में घट होते हुए भले ही दिखाई दे रही है, लेकिन किसी भी प्रकार के भ्रम  में न रहते हुए फिर से जांच करने तथा परीक्षण करने की सुचना भी दी है।

अटके हुए नागरिकों को दी राहत

लॉकडाऊन के कारण अन्य राज्य के एवं राज्य के कामगार, मजदूर जहां पर है, वहीं रहें। राज्य सरकार आप सभी का पूरी तरह से ध्यान रख रही है और ध्यान रखा जाएगा, यह विश्वास देते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से इस संदर्भ में चर्चा शुरू होने की बात भी कहीं है। साथ ही उन्होंने इस दौरान अटके हुए लोगों को शब्द दिया की, वे जल्द ही उनके घर भेजेंगे।

केशरी राशनकार्डधारकों को रियायत दर से अनाज उपलब्ध

केशरी राशनकार्डधारकों को रियायत के दर में राज्य सरकर अनाज तथा राशन का वितरण कर रही है। केंद्र आधारभूत दर से अनाज देने के लिए तैयार है, यह बताते हुए मुख्यमंत्री ने इस बात को स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार निशुल्क अनाज़  दे रही है, लेकिन उसमें केवल चावल है जिसका लाभ सिर्फ अन्नसुरक्षा योजना के लाभार्थियों को मिल रहा है। चावल के साथ-साथ गेंहू और दाल की भी केंद्र सरकार की ओर मांग किए जाने की बात उन्होंने कहीं। साथ ही उन्होंने कहा कि मांग पूरी होते ही अनाज़ का वितरण किया जाएगा।