महाराष्ट्र में ३० अप्रैल तक लॉकडाऊन : मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे

Uddhav Thackeray
Share this News:

मुंबई दिनांक 11/04/2020 : राज्य में ३० अप्रैल तक लॉकडाऊन कायम रहने की बात बताकर, हालातों को देखते हुए कुछ जगहों पर यह लॉकडाऊन अधिक कड़ा किया जाएगा, यह संकेत मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दिए है।

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्री से वीडियो कॉन्फरंसिंग के माध्यम से संवाद साधा। इस बैठक में हुई बातें और लिए हुए निर्णयों की जानकारी देने के लिए आज श्री. ठाकरे ने मीडिया के द्वारा राज्य की जनता को संबोधित किया है, उस दौरान वे बोल रहे थे।

आप खबरदारी बरतेंहम आपकी ज़िम्मेदारी लेते है

अगर हालात नियंत्रण में भले ही हो, फिर ही इस ओर अनदेखा नहीं करना होगा, राज्य के नागरिकों ने स्वयं ही स्वयं का रक्षक होकर खबरदारी लेना चाहिए, हम ज़िम्मेदारी लेते है, यह आवाहन भी मुख्यमंत्री श्री. ठाकरे ने किया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सभी ने अनुशासन का बरताव रखने की जरूरत भी उन्होंने व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अनुशासन का पालन किया जाने पर हम  ३० अप्रैल तक इस पर जीत हासिल कर सकते है।

लॉकडाऊन में यह शुरू रहेंगे

 इन लॉकडाऊन के दिनों में कृषि, खेती के संबंधित काम, खेतमाल की वाहतूक, जीवनावश्यक वस्तुओं की उपलब्धता, दवाईयों की वाहतूक और आपूर्ति शुरू रहेगी, इस बात को भी उन्होंने इस दौरान स्पष्ट किया।

क्या करना हैइस पर काम शुरू

१४ अप्रैल के बाद क्या करना है, इस पर काम शुरू है, लेकिन इससे संबंधित जानकारी मैं आपको १४ अप्रैल को ही दूंगा, यह ग्वाही भी उन्होंने दी। धैर्य, संयम और अनुशासन अपने आस-पास की शृखंला को तोडगी। घर के बाहर न जाये, अगर जीवनावश्यक वस्तुओं की खरीदी के लिए जाना पड़े, तो भीड़ न करें, मास्क लगाकर ही बाहर जाने की सूचना भी उन्होंने इस दौरान की।

हालात ही ऐसे है

आज पंतप्रधान नरेंद्र मोदी के समेत वीडियो कॉन्फरंसिंग में चर्चा करते समय उनके और हमारे मुंह पर मास्क था। अब तक मुंह पर पट्टी लगाने का साहस किसी ने नहीं किया था, लेकिन इन दिनों के हालात ही कुछ इस तरह के है की, मरीजों की संख्या बढ़ रही है, यह छिपाने जैसे बाब नहीं है। हमने भी परीक्षण की संख्या बढ़ाई है। लोगों ने हमारी ओर आकर परीक्षण करने के बजाए हम ही उनकी ओर जाकर परीक्षण कर रहे है। जिस तरह गेट वे ऑफ इंडिया मुंबई का प्रवेशद्वार है, उसी तरह एयरपोर्ट भी है। विश्व भर से यात्री आना-जाना करते है, इसीलिए शुरुआत में ही केंद्र सरकार की सूची में जो देश नहीं है, और उन देशों से आए है, ऐसे यात्रियों की जांच नहीं हुई है। हमने भले ही गुणाकार मंद रखने में सफलता प्राप्त की है फिर भी उसे शुन्य पर लाना है और एक भी मरीज़ कोरोना बाधित नहीं होना चाहिए, इसका पुनरुच्चार भी उन्होंने किया।

बुजुर्गोंका ध्यान रखे

घर के बुजुर्ग सदस्योंका ध्यान रखने का आवाहन करते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य में अब तक ३३ हजार परीक्षण किए जाने की बात कहीं। अकेले मुंबई में ही १९ हजार परीक्षण होने की जानकारी देते हुए उन्होंने  १ हजार पोझिटिव मरीज़ मिलने की जानकारी दी। बाधित मरीजों में ६५ से ७० फीसदी लोगों को अति सौम्य और सौम्य लक्षण होने की बात उन्होंने कही है। ठीक होकर घर जानेवाले, क्वारंटाईन लोगों की टेस्ट निगेटिव आने से घर जानेवाले लोगों की संख्या अधिक होने की बात भी उन्होंने कहीं है। दुर्भाग्य से राज्य में कुछ लोगों की जान गई है, यह बताते हुए उन्होंने कहा कि इसमें हायरिस्क गट के लोग शामिल थे, इस बात को भी उन्होंने स्पष्ट किया। कुछ मरीज़ अंतिम चरण में ही अस्पताल में दाखिल होने पर उन्होंने निराशा व्यक्त की।

बाधित क्षेत्र पूर्णत : सील

मुंबई के जिस परिसर में पॉझेटिव मरीज़ मिले है, उस विभाग को पूर्णत: सील किए जाने की बात बताते हुए कहा कि वहाँ के नागरिकों को शुरुआती दिनों में समस्याएँ आई, उन्हें परेशानी भी हुई, लेकिन वहाँ पर भी जीवनावश्यक वस्तु, दवाईयां, सब्ज़ी और खाद्य-पदार्थों की आपूर्ति की गई है। पॉझेटिव मरीज़ का परिसर एक तरह से क्वारंटाईन किए जाने की बात कहते हुए इन मरीजों के संपर्क में आनेवाले लोगों का परीक्षण महानगरपालिका घर-घर जाकर किए जाने की जानकारी मुख्यमंत्री ने दी।

महाराष्ट्र धीरोदत्तदेश को दिशा देनेवाला

अब तक महाराष्ट्र ने धीरोदत्त रूप से इस  संकट का सामना किया है। महाराष्ट्र ने हमेशा ही देश को दिशा दिखाई है और इस संकट की घड़ी में भी महाराष्ट्र देश को दिशा दिखाएगा, यह विश्वास भी उन्होंने इस दौरान व्यक्त किया। नागरिकों से धीरज रखने का अनुरोध किया। यह लॉकडाउन कितने दिनों तक रहना है, यह भी हमारे ही हाथों में है, इसलिए अनुशासन का व्यवस्थित पालन करने पर ही इस विषाणु की शृंखला टूट सके, इसकी जाणीव भी उन्होंने इस दौरान कराई। पूरा देश एकसाथ इस विषाणु से लढ रहा है, इसमें किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं करना है, इस बात को भी मुख्यमंत्री ने इस दौरान स्पष्ट किया। हमारा एकसाथ होना ही हमेशा रहे, तभी महाराष्ट्र देश कोरोना के संकट पर मात कर सकेगा, इस विश्वास भी उन्होंने इस दौरान व्यक्त किया है।